यथार्थत: ऐसिडिन आकृति में एक बृहत् कोशिका जैसा होता है, जिसमें प्रवेशार्थ एक अंतर्वाही नाल होती है।
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यथार्थत: ऐसिडिन आकृति में एक बृहत् कोशिका जैसा होता है, जिसमें प्रवेशार्थ एक अंतर्वाही नाल होती है।
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ये कीप क्रमश: अंतर्वाही नाल (Inhalent siphon) एवं अपवाही नाल (Exhalent siphon) कहलाते हैं, और ये नाल सचोली वर्ग के जीवों के मुख्य लक्षण है।
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अंतर्वाही नाल के द्वार के निकट, स्पर्शिकाओं की एक वृत्ताकार रचना होती है, जो इस छिद्र में बहुत बड़े वस्तुओं को नहीं प्रविष्ट होने देती है।
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अंतर्वाही नाल के द्वार के निकट, स्पर्शिकाओं की एक वृत्ताकार रचना होती है, जो इस छिद्र में बहुत बड़े वस्तुओं को नहीं प्रविष्ट होने देती है।
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ये कीप क्रमश: अंतर्वाही नाल (Inhalent siphon) एवं अपवाही नाल (Exhalent siphon) कहलाते हैं, और ये नाल सचोली वर्ग के जीवों के मुख्य लक्षण है।
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ये जलस्रोत ग्रसनी की दीवारों में स्थित, असंख्य गिल छिद्रों के पक्ष्माभिका (cilia) अंत:स्तरण (lining) के निर्गामी स्पंदन (outward beating) के द्वारा उत्पन्न होते हैं, एवं अंतर्वाही नाल के द्वारा भीतर प्रविष्ट होते हैं।
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ये जलस्रोत ग्रसनी की दीवारों में स्थित, असंख्य गिल छिद्रों के पक्ष्माभिका (cilia) अंत: स्तरण (lining) के निर्गामी स्पंदन (outward beating) के द्वारा उत्पन्न होते हैं, एवं अंतर्वाही नाल के द्वारा भीतर प्रविष्ट होते हैं।